फिटनेस के जुनून से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, वर्कआउट के समय जरूरी है ये सावधानी
डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.
रात में एंजायटी और स्ट्रेस की वजह से भी बुरे सपने आते हैं.
क्या आपको एहसास है बात अब ये ही खास है आपका दिल हमारे पास है हमारा दिल आपके पास है आपका दिल हमारे ... ये क्यूं आज रेशम सी है रोशनी ये क्या गीत सा इन हवाओं में है तुम्हें छू के रेशम हुई रोशनी मेरे दिल की धड़कन फ़िज़ाओं में है बहके बहके कई दिल में जज़्बात हैं जागी जागी कोई अनकही प्यास है आपका दिल हमारे .
सोने से पहले डरावनी फिल्में, क्राइम शो या नेगेटिव न्यूज देखना हमारे दिमाग पर सीधा असर डालता है। जब आप सोने से ठीक पहले ऐसे दृश्य देखते हैं, तो अवचेतन मस्तिष्क उन चित्रों को पकड़कर रात को दोबारा प्ले करता है, नतीजतन डरावने सपने आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि सोने से पहले पॉजिटिव कंटेंट देखना या सुनना फायदेमंद होता है।
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जीवन में समस्याओं को हल करने में मदद मिलती है
जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और हेल्दी स्लीप हाइजीन को प्राथमिकता दें। इस प्रकार आपका तनाव कम होता है, साथ ही चिंता और अवसाद की भावना नियंत्रित रहती है। बुरे सपनों से बचने के लिए हेल्दी स्लीप बहुत जरुरी है।
अक्सर, लोग डरावने सपने क्यों आते हैं इसकी रिपोर्ट करते हैं: जैसे check here उनका पीछा किया जा रहा है, वह एक चट्टान से गिर गये हैं, या वे सार्वजनिक रूप से स्वयं को नग्न देखते हैं। इस प्रकार के सपने शायद छिपे हुए तनाव या चिंता के कारण दिखाई देते हैं। सपने क्यों आते हैं क्या सपने एक जैसे हो सकते हैं, इसपर विशेषज्ञों का कहना है कि सपने के पीछे का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है।
नींद की कमी बुरे सपनों का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है। जब हमें पूरी नींद नहीं मिलती, तो दिमाग का आराम ठीक से नहीं हो पाता और वह लगातार सक्रिय रहता है। इस कारण से हम सोते समय कई तरह के विचारों का सामना करते हैं, जो बाद में बुरे सपनों के रूप में हमारे सामने आते हैं। अगर हमारी नींद पूरी नहीं होती, तो दिमाग के अवचेतन हिस्से में उठती उथल-पुथल बुरे सपनों का कारण बन सकती है। इससे हमें रात में बार-बार डरावने सपने आते हैं, जिससे हमारा मन बेचैन और परेशान हो जाता है।
किसी काम या बात को लेकर जरूरत से ज्यादा सोचना और चिंता करने से भी बुरे सपने आते हैं, जिसकी वजह से अक्सर रातों को घबराहट होती है और नींद खुल जाती है.
दरअसल, साइंस भी अभी तक इस राज को नहीं सुलझा सकी है कि ऐसा होता क्यों है?
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